परिभोग
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भोजन, पान, मालादि उपभोग कहलाते हैं। अलंकार, सैन्य, आसन, घर, यान और वाहनादि परिभोग कहलाते हैं। उपभोग अर्थात् एक बार भोगे जाने वाले अशन, पान, गन्ध, माला आदि। परिभोग अर्थात् जो एक बार भोगे जाकर भी दुबारा भोगे जा सकें, जैसे वस्त्र अलंकार आदि ।
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