परार्थ प्रमाण
ज्ञानात्मा प्रमाण को स्वार्थ प्रमाण कहते हैं और वचनात्मक प्रमाण को परार्थ प्रमाण कहते हैं। श्रुतज्ञान को छोड़कर शेष सब ज्ञान स्वार्थ प्रमाण हैं, परन्तु श्रुतज्ञान स्वार्थ और परार्थ दोनों प्रकार का है। इस प्रकार स्वार्थ व परार्थ प्रमाण भी प्रत्यक्ष और परोक्ष में अन्तरभूत है।