निस्तरण
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अन्य भव में सम्यकदर्शन आदि को पहुँचाना अर्थात् आमरण निर्दोष पालन करना जिससे कि वे अन्य जन्म से भी अपने साथ आ सके। परीषह और उपसर्गों के उपस्थित रहने पर भी उससे चलायमान न होकर इनके अंत तक पहुँचा देने को अर्थात् क्षोभ रहित होकर मरणान्त पहुँचा देने को निस्तरण कहते हैं।
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