निषेध
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विधि रूप वर्तना सामान्य काल (स्वकाल) है और निषेधस्वरूप विशेषकाल कहलाता है। तथा इनमें से किसी एक की मुख्य विवक्षा होने से अस्ति – नास्ति रूप विकल्प होते हैं। उससे अंश कल्पना का न होना ही विधि है, क्योंकि स्वंय सब सत् रूप है और उसमें अंश कल्पना द्वारा विभाग करना प्रतिषेध है।
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