निर्वृत्ति अक्षर
जीवों के मुख से निकले हुए शब्द की निर्वृत्ति अक्षर संज्ञा है, उस निर्वृत्ति अक्षर के व्यक्त और अव्यक्त ऐसे दो भेद हैं, उसमें से व्यक्त निर्वृत्ति अक्षर संज्ञी पंचेन्द्रिय पर्याप्तिकों के होता है। अव्यक्त निर्वृत्ति अक्षर दो इन्द्रिय से लेकर संज्ञी पंचेन्द्रिय जीवों तक के होता है। जघन्य निर्वृत्ति अक्षर दो इन्द्रिय पर्याप्तिक आदि जीवों के होता है और उत्कृष्ट चौदह पूर्वधारी के होता है ।