निर्विकृति
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जिह्वा एवं मन में विकार उत्पन्न करने वाले गोरस आदि को विकृति कहा जाता है। अथवा जिस आहार को परस्पर मिलाने से विशेष स्वाद उत्पन्न होता है उसे विकृति कहते हैं । विकृति से रहित छाछ आदि को निर्विकृति कहते हैं।
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