निर्मम
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प्रशस्त व अप्रशस्त समस्त प्रकार के मोह, राग व द्वेष का अभाव होने से आत्मा निर्मम है। निर्मम अर्थात् ममत्वरहित । ‘मम’ यह एक अदन्त अव्यय शब्द है । ‘मम’ जिसमें से निकल गया है। ऐसा परिणाम जिसके वर्तता है, वह निर्मम है।
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