जन्म
मनुष्य आदि के शरीर की निष्पत्ति को जन्म कहते है । अथवा इन्द्रिय आदि प्राणों को ग्रहण करना जन्म कहलाता है संसारी जीवों का जन्म तीन प्रकार से होता है – गर्भ जन्म, सम्मूर्ध्नि जन्म और उपपाद जन्म | देव व नारकी जीवों का एकमात्र उपपाद जन्म होता है मनुष्य और तिर्यंच जीव यथासंभव गर्भ और सम्मूर्नि जन्म वाले होते हैं एकेन्द्रिय और विकलेन्द्रिय जीव सम्मूर्नि ही होते हैं पंचेन्द्रिय तिर्यंच गर्भज और सम्मूर्नि दोनों प्रकार के होते हैं उपपाद और गर्भजन्म वाले जीव नियम से अपर्याप्तक नहीं होते।