व्रतावरण क्रिया
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विद्याध्ययन पूरा करने पर 12वें या 16वें वर्ष में गुरु साक्षी में देव पूजा आदि विधि पूर्वक गृहस्थ आश्रम में प्रवेश पाने के लिए उपयुक्त सर्वव्रतों को त्याग कर श्रावक के योग्य आठ मूलगुणों को धारण करता है और कथाचित्र क्षत्रिय धर्म के पालनार्थ अथवा शोभार्थ कोई शस्त्र धारण करता है।
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