क्षत्रिय
उस समय जो शस्त्र धारण कर आजीविका करते थे, वे क्षत्रिय हुए। उस समय भगवान ने अपनी दोनों भुजाओं में शस्त्र धारण कर क्षत्रियों की सृष्टि की थी, अर्थात् उन्हें शस्त्र विद्या का उपदेश दिया था, सो ठीक ही है। जो हाथों में हथियार लेकर सबल शत्रुओं के प्रहार से निर्बलों की रक्षा करते हैं, वे ही क्षत्रिय कहलाते हैं ।