वैक्रियिक मिश्र काययोग
वैक्रियिक शरीर की उत्पत्ति प्रारम्भ होने के प्रथम समय से लगाकर शरीर पर्याप्ति पूर्ण होने तक अन्तर्मुहूर्त के मध्यवर्ती अपरिपूर्ण शरीर को वैक्रियिक मिश्र काय कहते हैं उसके द्वारा होने वाला जो योग है वह वैक्रियिक मिश्र काय योग हैं अर्थात् देव व नारकियों के उत्पन्न होने के प्रथम समय से लेकर शरीर पर्याप्ति पूर्ण होने तक कार्मण शरीर की सहायता से उत्पन्न होने वाले योग को वैक्रियिक मिश्र काय योग कहते हैं ।