चन्द्र
ज्योतिष देव पाँच प्रकार के होते हैं उनमें से चन्द्र को इन्द्र और सूर्य को प्रतीन्द्र माना गया है प्रत्येक चन्द्र के परिवार में एक सूर्य अट्ठासी ग्रह अठ्ठाइस नक्षत्र और छ्यासठ हजार नौ सौ पचहत्तर कोड़ाकोड़ी तारे होते हैं । चन्द्रमा प्रभंकरा सुसीमा है अर्चिमालिनी ये चंद्र की अग्रदेवियाँ है चन्द्र के बारह हजार किरणें हैं वास्तव में चन्द्र ज्योतिष देवों का एक विमान है जो पृथिवीकायिक है और चित्रा पृथिवी से 880 योजना अंतरिक्ष में स्थित है अढ़ाईद्वीप में चन्द्र का विमान सुमेरू पर्वत के चारों ओर निरन्तर गमन करता है अन्यत्र वह स्थिर है जम्बूद्वीप में 2 में चन्द्र, लवण समुद्र में 4, धात खंड में 12, कालोदधि समुद्र में 62, पुष्करार्ध में 82, 16000 अभियोग जाति के देव सूर्य और चन्द्र के विमान को गतिशील बनाए रखते हैं। –