इन्द्र
1. इन्द्र शब्द का अर्थ आत्मा है अथवा इन्द्र शब्द नामकर्म का वाची है। 2. जो अन्य देवों से असाधारण अणिमा आदि गुणों के द्वारा शोभते हैं वे इन्द्र कहलाते हैं अथवा आज्ञा और ऐश्वर्य से युक्त देवों के स्वामी को इन्द्र कहते हैं। सोलह स्वर्गों के ऊपर सभी देव अहमिन्द्र हैं वे सब समान रूप से मैं इन्द्र हूँ’ इस प्रकार मानते हुए ऐश्वर्य विभूति का स्वतंत्र रूप से अनुभव करते हैं। प्रतीन्द्र युवराज के समान होते हैं, इन्द्र के बराबर उनका भी वैभव होता है। भवनवासी देवों के चालीस व्यन्तर देवों के बत्तीस, कल्पवासी देवों के चौबीस, ज्योतिषी देवों के चन्द्र व सूर्य ऐसे दो, मनुष्यों का एक इन्द्र (चक्रवर्ती) और तिर्यंचों का इन्द्र (सिंह) ऐसे मिलकर सौ इन्द्र होते हैं जो तीर्थंकर के चरणों में नतमस्तक होते हैं ।