1. आठ कर्मों के बन्धन को जिन्होंने नष्ट कर दिया है जो आठ महागुणों से युक्त हैं अत्यन्त शान्तिमय हैं, निरंजन हैं, नित्य हैं और लोक के अग्रभाग में निवास करते हैं, वे सिद्ध जीव कहलाते हैं। क्षायिक सम्यक्त्व, अनन्तज्ञान, …
जिस पर्याय में केवलज्ञान प्राप्त हुआ है, उसी पर्याय में स्थित केवली को तद्भवस्थ केवली कहते हैं और सिद्ध जीवों को सिद्ध केवली कहते हैं ।
इष्ट सिद्ध और अबाधित इन विशेषणों से विपरीत अनिष्ट सिद्ध और बाधित ये पक्षाभास है। साध्य से विपरीत विरोधादि साध्याभास आदि शब्द से अनभिप्रेत और प्रसिद्ध का ग्रहण करना चाहिए। क्योंकि ये तीनों साधन के विषय नहीं हैं, इसलिए ये …
शब्द श्रोत हिन्दी का विषय होना चाहिए, क्योंकि वह शब्द है । यहाँ श्रोत इन्द्रिय के विषय का रूप साध्य शब्द में श्रवण प्रत्यक्षी से ही सिद्ध है अतः उसको सिद्ध करने के लिए प्रयुक्त किया गया शब्दपना हेतु सिद्ध …