समान स्थान या पद में जो होते हैं वे सामानिक कहलाते हैं। आज्ञा और ऐश्वर्य के अतिरिक्त ये आयु, बल, परिवार, भोग और उपभोग सभी में इन्द्र के समान होते हैं अथवा सामानिक जाति के देव इन्द्रों के पिता, माता …
सर्व ही सामान्य गुण दस हैंअस्तित्व, वस्तुत्व, प्रमेयत्व, द्रव्यत्व, अगुरुलघुत्व, प्रदेशत्व, चेतनत्व, अचेतनत्व, मूर्तत्व, अमूर्तत्व । इनमें से प्रत्येक द्रव्य में आठ-आठ होते हैं। जीव द्रव्य में अचेतनत्व व मूर्तत्व नहीं है। पुद्गल द्रव्य में चेतनत्व व अमूर्तत्व नहीं है। …
साम्भावना मात्र से कही गई बात को सामान्य नियम बनाकर वक्ता के वचनों के निषेध करने को सामान्य छल कहते हैं। जैसे आश्चर्य है कि यह ब्राह्मण विद्या और आचरण से युक्त है यह कहकर कोई पुरुष ब्राह्मण की स्तुति …