अमूर्त होने से शब्द अनित्य है। इस हेतु में दिया गया ‘कर्मवत्’ ऐसा दृष्टान्त साध्य विकल है, क्योंकि कर्म अनित्य है, नित्य रूप साध्य से विपरीत है (अन्वय दृष्टान्ताभास) अमूर्त होने से शब्द अनित्य है । जो जो नित्य नहीं …
जिस हेतु की व्याप्ति या अविनाभाव सम्बन्ध साध्य से विपरीत के साथ निश्चित हो उसे साध्य विरुद्ध हेत्वाभास कहते हैं। जैसे- शब्द परिणामी नहीं है क्योंकि कृतक है। यहाँ पर कृतकत्व हेतु की व्याप्ति अपरिणामित्व से विपरीत परिणामित्व के साथ …
क्रिया हेतु गुण से युक्त पदार्थ कुछ भारी भी होता है। जैसे- लोष्ठ, कुछ हल्का भी होता है, जैसे- वायु कुछ क्रिया वाला भी होता है, कुछ क्रिया रहित भी होता है जैसे- आत्मा, कुछ और विशेष से तो कहिए …