भूत, भविष्यत् काल का प्रमाण निश्चित कर देने पर अनादि भी सादि बन जायेगा।
पहले अनुभव की हुई गाय को लेकर गवय में रहने वाली सदृश्यता प्रत्यभिज्ञान का विषय है। इस प्रकार के ज्ञान को सादृश्य प्रत्यभिज्ञान कहते हैं ।
धर्म का वास्तव में उपदेश करते हुए जिनवर वृषभ ने इस विश्व में विविध लक्षण वाले (भिन्न-भिन्न स्वरूपास्तित्त्व ) वाले सर्व द्रव्यों का सत् ऐसा सर्वगत एक लक्षण कहा है। सर्व पदार्थ समूह में व्याप्त होने वाली सादृश अस्तित्त्व को …