साकार ज्ञान साकार है जो जानता है वह ज्ञान । मति, श्रुत, अवधि, मनःपर्यय ज्ञान के द्वारा जो अपने विषय का विशेष विज्ञान होता है, उसे साकार उपयोग कहते हैं, यह अन्तर्मुहूर्त काल तक होता है।
अर्थवश प्रकरण वश शरीर के विकार वश या भूक्षेप आदि के कारण दूसरे के अभिप्राय को जानकर ईर्ष्यावश उसका प्रकट कर देना साकार मंत्र भेद है।