सहानवस्थान् विरोध एक वस्तु की क्रम से होने वाली दो पर्यायों में होता है। नई पर्याय उत्पन्न होती है तो पूर्व पर्याय नष्ट हो जाती है। जैसे – आम का हरापन नष्ट होता है तो पीत रूप उत्पन्न होता है।
Not a member yet? Register now
Are you a member? Login now