कोई सहचर जैसे मातुलिंग (पपीता) रूपवान. होना चाहिए क्योंकि रसवान अन्यथा नहीं हो सकता, यह रस सहचर हेतु है । कारण रस नियम से रूप का सहचर है और इसलिए वह उसके अभाव में नहीं होता हुआ उसका ज्ञापन कराता …
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