अशेष अवयवों को प्राप्त हो उसे सर्व कहते हैं। विश्व, कृत्स्न ये सर्व शब्द के समानार्थक हैं जो आकुंचन और विसप्रण आदि को प्राप्त हों वह पुद्गल द्रव्य सर्व है। सर्व का अर्थ केवलज्ञान है।
अन्त के काण्डक की अन्त की फाली के सर्वप्रदेशों में से जो अन्य प्रकृति रूप नहीं हुए हैं, उन परमाणुओं का अन्य प्रकृति रूप होना वह सर्वसंक्रमण है।