वेदना आदि के निमित से कुछ आत्म प्रदेशों का शरीर से बाहर निकलना समुद्घात कहलाता है। समुद्घात के सात भेद हैं- वेदना, कषाय, वैक्रियिक मारणान्तिक, तैजस, आहारक और केवली समुद्घात । (दे० वह वह नाम) आहारक और मरणान्तिक समुद्घात एक …
जिन सत् कर्म स्थानों की उत्पत्ति बन्ध से होती है उन्हें बन्ध समुपत्तिक कहते हैं। हत समुपत्तिक सत्कर्म करके स्थित हुए सूक्ष्म निगोदिया जीव के जघन्य अनुभाग सत्तस्थान के समान बन्धस्थान से लेकर संज्ञी पंचेन्द्रिय पर्याप्तक के सर्वोत्कृष्ट अनुभाग बन्ध …