23 Julyसमता Posted by kundkund Comments 0 commentजीवन व मरण में, संयोग व वियोग में, अप्रिय व प्रिय में, शत्रु व मित्र में, सुख व दुख में, मान व अपमान में, सुवर्ण व धूल में समभाव रखना समता है। मोह और क्षोभ से रहित भाव को साम्य … Read More