ऊपर, नीचे, मध्य में कुशल शिल्पी द्वारा बनाये गये समचक्र की तरह समान रूप से शरीर अवयवों की रचना होना, समचतुरस्र संस्थान है। चतुर का अर्थ शोभन है, सब ओर से चतुर, समचतुर कहलाता है। समान मान और उन्मान वाला …
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