जिसमें धर्म का विशेष निरूपण होता है उसे सत्कथा कहते हैं ।
सत्कार का अर्थ पूजा प्रशंसा है तथा प्रत्येक कार्य के प्रारम्भ में आगे-आगे करना या आमन्त्रण देना पुरस्कार है। चिरकाल से मैंने ब्रह्मचर्य का पालन किया है महा तपस्वी हूँ, स्वसमय व परसमय का निर्णयज्ञ हूँ, मैंने बहुत बार परवादियों …