अपिधान का अर्थ ढांकना है। सचित्त कमल पत्र आदि से ढंका हुआ आहार देना सचित्त अपिधान कहलाता है। यह अतिथि संविभाग नामक शिक्षाव्रत का अतिचार है।
सचित्त वस्तु के सम्बन्ध को प्राप्त हुआ द्रव्य सचित्त सम्बन्धाहार कहलाता है। यह भोगोपभोग परिमाण व्रत का अतिचार है।