मनुष्यादि के चार इन्द्रियों में श्रोतृ इन्द्रिय मिला पर पाँच इन्द्रियाँ होती है इसे ही सकलेन्द्रिय कहते हैं। वर्ण, रस, स्पर्श, गन्ध और शब्द को जानने वाले देव, मनुष्य, नारक, तिर्यंच, थलचर, खेचर, जलचर होते हैं। वे भगवान पंचेन्द्रिय अर्थात् …
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