जिस कर्म के उदय से अस्थियों का बन्धन विशेष होता है वह संहनन नामकर्म है संहनन नामकर्म छह प्रकार का है- वज्रवृषभनाराच, वज्र नाराच, नाराच अर्धनाराच, कीलक और असंम्प्राप्ता-सृपाटिका । जिस कर्म के उदय से वज्रमय हड्डियाँ वज्रमय वेष्ठन से …
जिस कर्म के उदय से अस्थियों का बन्धन विशेष होता है वह संहनन नामकर्म है संहनन नामकर्म छह प्रकार का है- वज्रवृषभनाराच, वज्र नाराच, नाराच अर्धनाराच, कीलक और असंम्प्राप्ता-सृपाटिका । जिस कर्म के उदय से वज्रमय हड्डियाँ वज्रमय वेष्ठन से …
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