तीसरे तीर्थंकर | श्रावस्ती नगरी के राजा दृढ़राज इनके पिता थे और रानी सुषेणा माँ थी। इनकी आयु साठ लाख वर्ष पूर्व थी । शरीर चार सौ धनुष ऊँचा था। चिरकाल तक राज्य करने के उपरान्त एक दिन मेघों का …
जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु श्रोत्र – इन्द्रिय के उत्कृष्ट क्षेत्र से बाहर दशों दिशाओं में संख्यात योजन प्रमाण क्षेत्र में स्थित मनुष्य और तिर्यंचों के बहुत प्रकार के शब्दों को सुनकर उनका एक साथ प्रत्युत्तर देने में समर्थ …