जिसके द्वारा समस्त रूप अनंतानंत धर्म विशिष्ट जीवाजीवादि पदार्थ जाने जाते हैं वह आज्ञा या आगम शासन कहलाता है अथवा आत्मा को जानना समस्त जिनशासन को जानना कहलाता है।
भव्य जीवों को श्रद्धापूर्वक शास्त्र भेंट करना अथवा धर्मोपदेश देना ज्ञानदान या शास्त्रदान कहलाता है।