जो अहिंसा आदि समस्त व्रतों से युक्त हैं, वे व्रती कहलाते है । व्रती दो प्रकार के हैं- पहिले वे जो घर से निवृत होकर संयत हो गए है और दूसरे वे जो गृहस्थ संयता संयत है व्रती निःशल्य ही …
Encyclopedia
- Home
- Page 12
Not a member yet? Register now
Are you a member? Login now