विशेष रूप काल को विकाल कहते हैं । इस काल के होने पर जो होते हैं वे वैकालिक कहलाते हैं इसमें दश वैकालिक का प्ररूपण है इसलिए इसका नाम दशवैकालिक प्रकीर्णक है। इसमें मुनियों के आचार व आहार की शुद्धता …
वैक्रियिक शरीर की उत्पत्ति प्रारम्भ होने के प्रथम समय से लगाकर शरीर पर्याप्ति पूर्ण होने तक अन्तर्मुहूर्त के मध्यवर्ती अपरिपूर्ण शरीर को वैक्रियिक मिश्र काय कहते हैं उसके द्वारा होने वाला जो योग है वह वैक्रियिक मिश्र काय योग हैं …
अणिमा, महिमा आदि आठ गुणों के सम्बन्ध से एक, अनेक छोटा, बड़ा आदि अनेक प्रकार का शरीर बना लेना विक्रिया कहलाती है और वह विक्रिया जिस शरीर का प्रयोजन है वह वैक्रियिक शरीर है। वैक्रियिक शरीर उपपाद जन्म से पैदा …
किसी भी प्रकार की विक्रिया उत्पन्न करने के लिए अर्थात् शरीर को छोटा-बड़ा या अन्य शरीर रूप करने के लिए मूल शरीर का न त्याग कर जो आत्म प्रदेशों का बाहर जाना है उसको वैक्रियिक समुद्घात कहते हैं अथवा वैक्रियिक …