जीव को वेत्ता कहने की विवक्षा इस जगत में जो योगी (वेत्ता) अद्वैत दशा को प्राप्त हो गये, वे दर्शन और ज्ञान के भेद को भी त्याग देते हैं । अर्थात् वे केवल चैतन्य स्वरूप रह जाते हैं। और सामान्य …
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