23 Julyविष Posted by kundkund Comments 0 commentविष का प्राण घातक व्यापार करना विष वाणिज्य है। Read More
23 Julyविषंग Posted by kundkund Comments 0 commentस्त्री आदि सब मेरे हैं। इस प्रकार का सम्बन्ध विषंग कहलाता है। Read More
23 Julyविषम दृष्टान्त Posted by kundkund Comments 0 commentजो दाष्टांतिक के सदृश्य न हो, उसे विषम दृष्टान्त कहते हैं । Read More
23 Julyविषय Posted by kundkund Comments 0 commentज्ञेय पदार्थों को विषय कहते हैं। स्पर्शन इन्द्रिय को अथवा आठ स्पर्श, रसना इन्द्रिय की अपेक्षा पाँच रस, घ्राण इन्द्रिय की अपेक्षा दो गंध, चक्षु इन्द्रिय की अपेक्षा पाँच वर्ण तथा कर्ण इन्द्रिय की अपेक्षा सात स्वर ऐसे यह 27 … Read More