धर्म-कथा से रहित मात्र अर्थ और काम-कथा करना विकथा कहलाती है। पापास्रव में कारणभूत चार प्रकार की विकथा प्रसिद्ध है स्त्री- कथा, राज – कथा, चोर- कथा और भोजन कथा |
दो इन्द्रिय, तीन इन्द्रिय और चार इन्द्रिय जीवों को विकलेन्द्रिय या विकलत्रय कहते हैं।
दो इन्द्रिय, तीन इन्द्रिय और चार इन्द्रिय जीवों को विकलेन्द्रिय या विकलत्रय कहते हैं।
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