23 Julyरज Posted by kundkund Comments 0 commentज्ञानावरण और दर्शनावरण कर्म धूलि (रज) के समान वस्तुओं को विषय करने वाले बोध और अनुभव के प्रतिबन्धक होने के कारण रज कहलाते हैं। Read More