प्रतिनियत अर्थ की व्यवस्स्था करने वाली उस उस आवरण कर्म के क्षयोपशम रूप अर्थ ग्रहण की शक्ति योग्यता कहलाती है कहा भी है कि क्षयोपशम लक्षण वाली योग्यता ही वह शक्ति है जो कि ज्ञान के प्रतिनियत अर्थ की व्यवस्था …
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