युक्त शब्द समाधिवाचक है। भाव यह है कि युक्त, समाहित और तदात्मक ये तीनों एकार्थवाची शब्द हैं।
जघन्य परीतान्त पूर्ववन्त वर्गित, सवर्गित उत्कृष्ट परीतानंत को उल्लंघ कर जघन्य युक्तानंत में जाकर स्थित होता है। इस जघन्य युक्तानंत विरलन कर प्रत्येक पर जघन्य युक्तानंत हो रख कर के उन्हें परस्पर वर्ग करने पर त्कृष्ट युक्तानंत को उल्लंघ कर …
उत्कृष्ट परिता संख्येय से एक अधिक जघन्य युक्तासंख्यात होती है। जघन्य असंख्यासंख्येय में से एक कम कर लेने पर उत्कृष्ट युक्तासंख्येय होती है। बीच के विकल्प मध्यम युक्तासंख्येय होते है।