साधु को आहार देते समय दाता के हाथ से यदि आहार सामग्री नीचे गिर जाए तो यह भोजन – संताप नाम का अंतराय है ।
भोजनांग जाति के कल्पवृक्ष 16 प्रकार का आहार और 16 प्रकार का व्यंजन, 14 प्रकार के सूप (दाल आदि), 108 प्रकार के खाद्य पदार्थ, स्वाद्य पदार्थ के 363 प्रकार और 63 प्रकार के रस भेदों को पृथक-पृथक दिया करते हैं।