एक संख्या रूप प्रकृतियों में प्रकृतियों का बदलना सो भंग होता है। अंश, पर्याय, भाग, हार, विद्या, प्रकार, भेद, छेद और भंग ये एकार्थ वाचक हैं। अहिंसा, सत्य, अस्तेय, शील, गुण, नय, वचन और द्रव्यार्थिक के भेद भंग कहलाते हैं। …
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