23 Julyबघ Posted by kundkund Comments 0 commentबेतादि से प्राणियों को मारना बध है। यहाँ बध का अर्थ प्राणों का वियोग करना नहीं है क्योंकि अतिचार का पहले ही हिंसा का त्याग कर दिया है। Read More
23 Julyबघ परीषह Posted by kundkund Comments 0 commentतीक्ष्ण तलवार, मूसल और मुद्गर आदि अस्त्रों के द्वारा ताड़न और पीड़न आदि से जिसका शरीर तोड़ा मरोड़ा जा रहा तथापि मारने वालों पर जो लेश मात्र भी मन में विकार नहीं लाता, यह मेरे पहले किये गये दुष्कर्म का … Read More