उभय के साधर्म्य से प्रक्रिया की सिद्धि हो जाने से प्रकरण समा जाति है। कहीं-कहीं उभय के वैधर्म्य से भी प्रक्रिया की सिद्धि हो जाने के कारण प्रकरण सम जाति मानी जाती है। जैसे- शब्द अनित्य है । प्रयत्नानन्तरीयकत्व से …
विचार के आश्रय अनिश्चित पक्ष और प्रतिपक्ष को प्रकरणसम कहते हैं। जैसे- किसी ने कहा कि शब्द अनित्य है, नित्य धर्म के ज्ञान न होने से यह प्रकरणसम है। इसमें दो पक्षों में से किसी पक्ष का निर्णय नहीं हो …