विनय वैयावृत्त आदि कार्यों मे आदर न रखने वाले तथा इसी प्रकार सर्व कृतिकर्म व्रत समिति आदि धर्म-ध्यान और नमस्कार आदि से दूर भागने वाले मुनि के मरण को पलाय या बलाका मरण कहते हैं।
द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव के आश्रय से जो अतिचार हुए हो उनका अन्यथा कथन करना उसको पलिकुंचन कहते हैं। जैसे सचित्त पदार्थ का सेवन करके अचित्त का सेवन किया ऐसा कहना या अचित्त का सेवन करके सचित्त का सेवन …
एक ऐसा क्षेत्र (गर्त) बनाया जाये जो एक योजन प्रमाण के बराबर लम्बा, चौड़ा और गहरा हो। जिसकी परिधि इससे कुछ अधिक तिगुनी हो, जिसके चारो ओर दीवालें बनाई गयी हों । इस क्षेत्र को एक से लेकर सात दिन …