देव-शास्त्र – गुरु को नमस्कार कर और अपने भाई-बंधुओं की साक्षी पूर्वक जिस कन्या के साथ विवाह किया जाता है, वह विवाहिता स्त्री पत्नि कहलाती है। ऐसी विवाहिता स्त्रियों के सिवाय अन्य सब पत्नियाँ दासियाँ कहलाती हैं। विवाहिता पत्नियाँ दो …
जिस ऋद्धि का धारक मुनि बन फलों में, फूलों में तथा पत्तों में रहने वाले जीवों की विराधना में न करके उनके ऊपर से जाता है, वह फलचारण, पुष्पचारण तथा पत्रचारण नामक ऋद्धि है।