विजयार्थ की पश्चिमी गुफा की एक नदी क्योंकि यह नदी अपने जलप्रवाह के ऊपर आई हुई हल्की से हल्की वस्तु को भी नीचे ले जाती है। इसलिए यह नदी निमग्ना कही जाती है।
जो कार्य के होने में सहयोगी हो या जिसके बिना कार्य न हो उसे निमित्त कारण कहते हैं। कुछ निमित्त धर्मद्रव्य आदि के समान उदासीन होते हैं और कुछ गुरू आदि के समान प्रेरक भी होते हैं। उचित निमित्त के …
तीनों काल संबंधी शुभाशुभ का ज्ञान करने के लिए अंतरिक्ष, भौम, अंग, स्वर, व्यंजन,लक्षण, छिन्न और स्पप्न ये आठ निमित्त होते हैं। इन आठ निमित्तों द्वारा शुभाशुभ का ज्ञान होना निमित्त ज्ञान कहलाता है।
यदि साधु निमित्त इ – ज्ञान के द्वारा शुभाशुभ फल बताकर आहार प्राप्त करे तो यह निमित्त नामक दोष है।