23 Julyनिकाचित Posted by kundkund Comments 0 commentजीव के द्वारा बाँधे गए जिस कर्म का अपकर्षण, उत्कर्षण और संक्रमण होना संभव नहीं है, वह निकाचित- कर्म कहलाता है। यह कर्म आबाधा काल पूरा होने पर उदय आकर अवश्य ही फल देता है। विशेषता यह है कि जिनबिंब … Read More
23 Julyनिकाय Posted by kundkund Comments 0 commentअपने भवान्तर कर्मों से भेद को प्राप्त होने वाले देवगति नाम कर्म के उदय की सामर्थ्य से जो संग्रह किये जाते है, वह निकाय कहलाते है। Read More
23 Julyनिक्खोदिम Posted by kundkund Comments 0 commentपुष्करिणी, वापी, कूप, तड़ाग, लयन और सुरंग आदि निस्खन्न क्रिया से सिद्ध हुए द्रव्य को निक्खोदिम कहते है। निक्खोदिम से अभिप्राय खोदना क्रिया है। Read More