देखिये चार्वाक ।
पर स्वरूप से अभाव होना सो नास्तित्व स्वभाव है, जैसे घट पटस्वभावी नही है । अन्य का अन्य रूप से न होना ही असत् स्वभाव है।
नास्तित्व नय से पर द्रव्य क्षेत्र काल व भाव से नास्तिक वाला है, जैसे कि द्रव्य की अपेक्षा अलोहमयी, क्षेत्र की अपेक्षा संधान दशा में न रहे हुए और भावों की अपेक्षा अलक्ष्योन्मुख पहले वाले बाण का नास्तित्व है। र्थात् …