यह जघन्य संख्या समझी जाती है। दो की संख्या अवक्तव्य कहलाती है। दो रूपों का वर्ग करने पर चूँकि वृद्धि देखी जाती है अतः दो को नोकृति नहीं कहा जा सकता। और चूँकि उसके वर्ग में से मूल को कम …
Shortcoming/ fault रागादि दोष कहलाते हैं।निर्दोष परमात्मा से भिन्न रागादि दोष कहलाते हैं। सम्यक्त्व के 25 दोष निर्देश–देखें सम्यग्दर्शन – I.2। संसारियों के अठारह दोष–देखें अर्हंत – 3। आप्त में से सर्वदोषों का अभाव संभव है।–देखें मोक्ष – 6.4। आहार संबंधी 46 दोष–देखें आहार …
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