आठ दिक्कुमारी देवियाँ नंदन वन में स्थित आठ कूटों पर रहती है। सुमेधा, मेघमालिनी, तोयंधरा, विचित्रा, मणिमालिनी, पुष्पमाला, आनन्दिता, मेघंकरी, दिक्कुमारी देवियाँ रुचकपर्वत के कूटों पर निवास करती हैं। जो गर्भ के समय भगवान की माता की सेवा करती हैं। …
जो वस्त्र आभूषण आदि समस्त परिग्रह का त्याग करके बालकवत् निर्विकार निग्रंथ रूप धारण करते हैं और इन्द्रिय-विजयी होते हैं वे दिगम्बर साधु कहलाते हैं।
केवल ज्ञान के उपरान्त अर्हन्त भगवान के मुख से बादलों की गर्जना के समान जो ध्वनिरूप वाणी खिरती है उसे दिव्य ध्वनि कहते हैं अर्हन्त भगवान के वचन इसी भाषा रूप ही हैं ऐसा नहीं कहा जा सकता इसलिए उनके …