जो निश्चय से समस्त अवस्थाओं में जिस स्वरूपपने से व्याप्त रहे उसका उसे साथ तादात्म्य – संबंध होता है। जैसे- अग्नि का उष्णता के साथ तादात्म्य – संबंध है। तादात्म्य संबंध दो प्रकार का है- त्रैकालिक तादात्म्य और क्षणिक तादात्म्य। …
जिसमें पात्र-अपात्र का विवेक न किया गया हो, अतिथि का सत्कार न किया गया हो, जो निंदनीय हो और सेवकों से दिलाया गया हो, ऐसे दान को तामसिक-दान कहते हैं।
ताल प्रलंब शब्द इस सामासिक शब्द में जो ताल शब्द है, उसका अर्थ ताड़ का वृक्ष इतना ही लोग नहीं समझते किन्तु वनस्पति के एक देश रूप को जो ताड़ का वृक्ष, वह इन वनस्पतियों का रक्षण रूप समझकर उसे …